मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड: बेहतर फसल, कम लागत
“खेती की नींव मजबूत करें: मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें”
क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत मिट्टी के नमूनों की जांच की जाती है और उसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा का आकलन किया जाता है। इसके बाद किसानों को कार्ड के माध्यम से मिट्टी की स्थिति और आवश्यक सुधार के उपायों की जानकारी दी जाती है।
मुख्य लाभ:
- मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी।
- फसलों के लिए सही मात्रा में उर्वरकों और जैविक खाद का उपयोग।
- उत्पादन की लागत कम होने के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता में सुधार।
मिट्टी की सेहत क्यों है जरूरी?
मिट्टी किसी भी खेती की नींव है। अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है, तो फसल कमजोर हो जाती है और उत्पादन में गिरावट आती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसान अपनी जमीन के अनुसार पोषक तत्वों को संतुलित कर सकते हैं और लंबे समय तक मिट्टी की उर्वरता बनाए रख सकते हैं।
कैसे बनवाएं मृदा स्वास्थ्य कार्ड?
- किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।
- मिट्टी के नमूने जमा करने के बाद जांच की जाती है।
- जांच रिपोर्ट के आधार पर किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है।
सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह समय-समय पर मिट्टी की जांच करवाएं और फसल उत्पादन में सुधार लाएं।