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कतर और अमेरिका के दबाव में हमास: आखिरी ठिकाना खतरे में

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“कतर का इशारा: हमास को समर्थन जारी रखना हो सकता है खतरनाक”

जरायल के दुश्मन हमास के खिलाफ अमेरिका और कतर के बढ़ते दबाव के बीच, अब इजरायल के आतंकवादी संगठन हमास का आखिरी ठिकाना भी खतरे में पड़ सकता है। अमेरिका ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि हमास के आतंकवादी कतर में अपना ठिकाना नहीं छोड़ते, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। वहीं, कतर ने भी एक अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा है कि हमास को देश छोड़ने की आवश्यकता है, या फिर उसे गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ेगा।

कतर की सख्ती

कतर, जो पहले से ही मध्य-पूर्व में हमास और अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन करता आया है, अब परिष्कृत रणनीतियों के तहत हमास को अपने देश से बाहर जाने के लिए मजबूर करने पर विचार कर रहा है। कतर ने हमास को एक सीधा संदेश दिया है कि अगर वह देश में अपनी गतिविधियों को जारी रखता है, तो उसे कई प्रकार की अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं और दबाव का सामना करना पड़ेगा।

अमेरिका का इशारा

अमेरिका ने इस मुद्दे पर कतर को साफ संकेत दिए हैं कि यदि वह हमास के साथ अपने संबंधों को जारी रखता है, तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कतर को यह चेतावनी दी कि हमास के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत कदम उठाने होंगे। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, हमास का समर्थन करने से कतर को वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, खासकर अगर यह संगठन आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहता है।

हमास का आखिरी ठिकाना

हमास के लिए कतर अब आखिरी ठिकाना बन चुका है, जहां से वह अपनी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। लेकिन अब इसे लेकर अमेरिका और कतर के बीच बढ़ते दबाव ने हमास को असमंजस में डाल दिया है। कतर ने पहले ही हमास के नेताओं को इस बात की चेतावनी दी है कि अगर वे देश छोड़ने में विफल रहते हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ेगा।

इजरायल और हमास के संघर्ष की तात्कालिक स्थिति

इस बीच, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इजरायल ने पहले ही हमास के खिलाफ कई सैन्य कार्रवाइयां शुरू की हैं, और अब हमास के प्रमुख ठिकाने पर हमला करने की योजना बनाई जा रही है। अमेरिका की सख्ती और कतर का अल्टीमेटम, दोनों ही हमास के लिए एक बड़ा संकट बन सकते हैं, क्योंकि यह उसे अपनी जगह से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर सकता है।

वैश्विक राजनीति पर असर

कतर और अमेरिका का यह कदम मध्य-पूर्व की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है। कतर का हमास को छोड़ने का अल्टीमेटम, वैश्विक स्तर पर आतंकी गतिविधियों को लेकर नई बहस को जन्म दे सकता है। अमेरिका ने पहले भी कतर को आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आलोचना की थी, लेकिन अब उसे इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

इस बदलते घटनाक्रम में, हमास के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अगर कतर और अमेरिका दोनों मिलकर इसे बाहर करने का फैसला लेते हैं, तो इसका असर केवल मध्य-पूर्व तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।