NationalNews

2024 में क्यूआईपी के जरिए फंड जुटाने का रिकॉर्ड, रियल एस्टेट सेक्टर ने किया शानदार प्रदर्शन

Spread the love

भारतीय कंपनियों ने 2024 में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 1,41,482 करोड़ रुपये जुटाए, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह राशि 99 क्यूआईपी इश्यू के माध्यम से विभिन्न सेक्टर्स में निवेश के रूप में आई।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद क्यूआईपी गतिविधि में जबरदस्त उछाल आया है। इसमें रियल एस्टेट सेक्टर की महत्वपूर्ण भागीदारी रही, जिसने इस फंडिंग प्रक्रिया में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।

रियल एस्टेट सेक्टर बना बड़ा निवेशक आकर्षण

रियल एस्टेट सेक्टर इस वर्ष क्यूआईपी फंडिंग का मुख्य केंद्र बनकर उभरा है।
2024 में 8 रियल एस्टेट डेवलपर्स और 1 रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) ने क्यूआईपी से 22,320 करोड़ रुपये जुटाए।
पिछले साल, यानी 2023 में रियल एस्टेट सेक्टर ने क्यूआईपी से कोई फंड नहीं जुटाया था, लेकिन इस साल इसकी 16% हिस्सेदारी रही।
एनारॉक ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, संस्थागत निवेशकों ने इस सेक्टर की लंबी अवधि की संभावनाओं पर भरोसा जताया है।

एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि:
“2024 में क्यूआईपी फंडिंग में उछाल दर्शाता है कि संस्थागत निवेशकों का भरोसा भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार बढ़ रहा है।”

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश जारी

भारतीय शेयर बाजार 2024 की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था, लेकिन वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और मौद्रिक नीतियों में बदलाव के कारण निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट देखी गई
खुदरा निवेशकों ने सतर्कता अपनाई, लेकिन संस्थागत निवेशकों ने लंबी अवधि की संभावनाओं को देखते हुए निवेश जारी रखा, खासकर रियल एस्टेट सेक्टर में

2024 बना पिछले 11 वर्षों में सबसे बड़ा क्यूआईपी फंडिंग वर्ष

2024 पिछले 11 सालों में सबसे ज्यादा क्यूआईपी फंड जुटाने वाला साल बना
2023 में केवल 43 क्यूआईपी इश्यू के जरिए 55,109 करोड़ रुपये जुटाए गए थे, जबकि 2024 में यह राशि 1.41 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई
यह वृद्धि भारत के आर्थिक बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ते संस्थागत विश्वास को दर्शाती है।

2024 में क्यूआईपी फंडिंग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत दे रही है।
रियल एस्टेट सेक्टर की शानदार वापसी ने निवेशकों को आकर्षित किया है।
शेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद संस्थागत निवेशक भारतीय बाजार की दीर्घकालिक संभावनाओं पर भरोसा जता रहे हैं।