लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय एमडीए अभियान का शुभारंभ
“केंद्र सरकार ने लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ) उन्मूलन के लिए वार्षिक राष्ट्रीय सार्वजनिक औषधि वितरण (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 13 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत 111 जिलों में घर-घर जाकर दवाइयों का वितरण किया जाएगा, जिससे फाइलेरिया की रोकथाम की जा सके।“
एमडीए अभियान (Mass Drug Administration – MDA) भारत की लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (NCVBDC) द्वारा संचालित किया जाता है।
एमडीए अभियान का उद्देश्य और रणनीति
अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
फाइलेरिया रोगियों की शीघ्र पहचान और समय पर उपचार।
लोगों को मुफ्त में फाइलेरिया रोधी दवाएं उपलब्ध कराना।
संक्रमण को रोकने और बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करना।
राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की भागीदारी को बढ़ावा देना।
कैसे चलेगा अभियान?
घरों में जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा दी जाएगी।
राज्य और जिला प्रशासन इस अभियान की नियमित निगरानी करेंगे।
लोगों को बीमारी और दवा के लाभों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा।
लिम्फेटिक फाइलेरिया क्या है?
फाइलेरिया एक मच्छरों से फैलने वाली परजीवी बीमारी है, जिसे हाथी पांव (Elephantiasis) भी कहा जाता है।
यह बीमारी वूचेरेरिया बैंक्रॉफ्टी (Wuchereria Bancrofti) नामक परजीवी से होती है।
संक्रमित मच्छरों के काटने से परजीवी शरीर में प्रवेश करता है और लिम्फ प्रणाली को प्रभावित करता है।
इसके कारण हाथ, पैर, अंडकोष और अन्य अंगों में सूजन हो सकती है, जिससे व्यक्ति दिव्यांगता का शिकार हो सकता है।
लक्षण:
अंगों की असामान्य सूजन (लिम्फोडेमा)
अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)
त्वचा में असामान्य मोटापन
चलने-फिरने में कठिनाई
एमडीए अभियान किन राज्यों में चलाया जाएगा?
इस अभियान में 13 राज्यों के 111 जिले शामिल हैं:
1️⃣ उत्तर प्रदेश
2️⃣ बिहार
3️⃣ झारखंड
4️⃣ मध्य प्रदेश
5️⃣ छत्तीसगढ़
6️⃣ गुजरात
7️⃣ महाराष्ट्र
8️⃣ असम
9️⃣ ओडिशा
🔟 पश्चिम बंगाल
1️⃣1️⃣ कर्नाटक
1️⃣2️⃣ केरल
1️⃣3️⃣ आंध्र प्रदेश
इन राज्यों में संक्रमण दर अधिक होने के कारण इन्हें प्राथमिकता दी गई है।
लिम्फेटिक फाइलेरिया का इलाज और रोकथाम
फाइलेरिया से बचाव के लिए क्या करें?
मच्छरों से बचाव करें – मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें।
फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रात को पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर दवा वितरण सुनिश्चित करें।
स्वच्छता बनाए रखें और गंदे पानी को जमा न होने दें।
फाइलेरिया का इलाज:
मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) के तहत DEC (Diethylcarbamazine) और Ivermectin दवाएं दी जाती हैं।
लिम्फोडेमा (अंगों की सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष की सूजन) के लिए विशेष उपचार उपलब्ध हैं।
गंभीर मामलों में हाइड्रोसील सर्जरी (Hydrocelectomy) का विकल्प भी उपलब्ध है।
सरकार की पहल:
आयुष्मान भारत और पीएम-जेएवाई (PM-JAY) के तहत हाइड्रोसील सर्जरी का प्रावधान।
एमडीए अभियान में अधिक से अधिक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे राज्य स्तर पर इस अभियान की नियमित निगरानी करें। उन्होंने कहा कि यह बीमारी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आर्थिक रूप से भी प्रभावित करती है।
जेपी नड्डा ने कहा:
“हमारा लक्ष्य है कि 2027 तक भारत को फाइलेरिया मुक्त बनाना और 2030 तक इसका पूर्ण उन्मूलन करना।”
“हम सामूहिक प्रयासों से इस बीमारी पर नियंत्रण कर सकते हैं।”
“फाइलेरिया को खत्म करने के लिए समुदायों को जागरूक करना आवश्यक है।”
मुख्य बिंदु:
भारत सरकार ने 13 राज्यों के 111 जिलों में एमडीए अभियान शुरू किया।
घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं दी जाएंगी।
लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार ने 2027 तक का लक्ष्य रखा है।
संक्रमण से बचने के लिए मच्छरों की रोकथाम और दवा सेवन जरूरी।
आयुष्मान भारत और पीएम-जेएवाई के तहत फाइलेरिया मरीजों को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।