Israel-Iran War: पहले ईरान के परमाणु ठिकानों पर साइबर अटैक, अब लेबनान पर सबसे बड़े हमले की तैयारी, बैरूत एयरपोर्ट बंद
इजरायल और ईरान के बीच चल रहा तनाव अब युद्ध के कगार पर पहुंचता दिख रहा है। हाल ही में इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर साइबर अटैक किया, जिससे ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर भारी नुकसान की खबरें सामने आईं। अब, इजरायल ने लेबनान के खिलाफ एक बड़े सैन्य हमले की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। इस बीच बैरूत एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है, जिससे लेबनान में संकट की स्थिति और गहरा गई है।
मुख्य बिंदु:
- ईरान के परमाणु ठिकानों पर साइबर अटैक:
- इजरायल ने ईरान के खिलाफ सबसे बड़ा साइबर अटैक किया, जिसका मुख्य लक्ष्य ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी थे।
- इस हमले के बाद ईरान की परमाणु सुविधाओं में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। ईरानी अधिकारियों ने इस साइबर हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है।
- ईरान ने इस हमले के जवाब में भी कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है।
- लेबनान पर हमले की तैयारी:
- इजरायल अब लेबनान पर सबसे बड़े सैन्य हमले की तैयारी कर रहा है। हिज़बुल्लाह और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण यह स्थिति और गंभीर हो गई है।
- इजरायल की सेना ने लेबनान की सीमा पर अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं और वहां बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
- बैरूत एयरपोर्ट को एहतियातन बंद कर दिया गया है, जिससे लेबनान में संकट की स्थिति और विकराल हो गई है। एयरपोर्ट के बंद होने से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर भी असर पड़ा है।
- क्षेत्रीय संकट की गंभीरता:
- इजरायल-ईरान और इजरायल-लेबनान के बीच बढ़ते तनाव के चलते मध्य पूर्व में एक नए युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।
- हिज़बुल्लाह, जो लेबनान में सक्रिय है और ईरान समर्थित है, ने इजरायल पर कई बार हमले किए हैं। इजरायल की तरफ से इस संगठन के ठिकानों पर हमला करना अब एक बड़ी सैन्य कार्रवाई का रूप लेता जा रहा है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह युद्ध छिड़ता है, तो यह पूरे मध्य पूर्व को प्रभावित कर सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- अमेरिका सहित कई अंतर्राष्ट्रीय शक्तियां इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। अमेरिका और इजरायल के बीच बढ़ती नजदीकियों के कारण ईरान और लेबनान को लेकर तनाव और बढ़ने की संभावना है।
- संयुक्त राष्ट्र ने भी इस पूरे मामले पर चिंता व्यक्त की है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए वार्ता की अपील की है।