Haryana का नतीजा आते ही Congress को आंख दिखाने लगे क्षेत्रीय दल, पढ़िए अरविंद केजरीवाल और प्रियंका चतुर्वेदी के कमेंट्स
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चुनावी परिणामों के तुरंत बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना (उद्धव गुट) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने कांग्रेस को घेरते हुए अपने तीखे बयान दिए हैं।
अरविंद केजरीवाल का बयान
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “हरियाणा में कांग्रेस को अपनी कमजोरियों पर काम करने की जरूरत है। केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने से क्षेत्रीय चुनाव नहीं जीते जा सकते। अगर कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका निभानी है, तो उसे क्षेत्रीय दलों के साथ बेहतर तालमेल बनाना होगा।”
केजरीवाल का यह बयान कांग्रेस के खिलाफ उनके रुख को साफ तौर पर दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दलों को नज़रअंदाज करना कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, जैसा कि हरियाणा के नतीजों में दिखाई दिया।
प्रियंका चतुर्वेदी का पलटवार
शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है, न कि उन्हें दरकिनार करने की। हरियाणा का परिणाम इस बात का सबूत है कि अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति से ज्यादा फायदा नहीं होने वाला।”
चतुर्वेदी ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस को चाहिए कि वह सहयोगी दलों के साथ मिलकर रणनीति बनाए, जिससे सभी दलों को समान महत्व मिले और एकजुट विपक्ष का निर्माण हो सके।
विपक्ष में दरार
हरियाणा चुनाव के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल की कमी है। कांग्रेस, जो राष्ट्रीय राजनीति में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, को क्षेत्रीय दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष में इस दरार का असर अगले चुनावों पर भी पड़ सकता है, जहां विपक्षी एकजुटता की बात की जा रही थी।