बर्ड फ्लू संकट: WHO से अमेरिका के हटने के बाद वायरस से जुड़ी जानकारी साझा करने में बढ़ी मुश्किलें
“अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हटने के बाद बर्ड फ्लू (H5N1) जैसी वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी जानकारी साझा करने में कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं। WHO के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने बताया कि अमेरिका के साथ संचार एक बड़ी चुनौती बन चुका है, क्योंकि पारंपरिक संपर्क के रास्ते अब उपलब्ध नहीं हैं।“
WHO के अनुसार:
अमेरिका में अप्रैल 2024 से बर्ड फ्लू के मामले बढ़े हैं।
अब तक 70 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें ज्यादातर कृषि और पोल्ट्री सेक्टर में काम करने वाले मजदूर शामिल हैं।
वायरस के मानव-से-मानव संक्रमण के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन जो लोग संक्रमित पक्षियों और मवेशियों के संपर्क में हैं, वे खतरे में हो सकते हैं।
बर्ड फ्लू का खतरा और WHO से अमेरिका का बाहर होना
अमेरिका के WHO से बाहर होने के कारण:
जनवरी 2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश जारी कर अमेरिका को WHO से बाहर कर दिया।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि WHO ने कोविड-19 महामारी को सही से नहीं संभाला।
🔹 अमेरिका WHO को अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा पैसा देता था, लेकिन उसे अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
विशेषज्ञों की चिंता:
अमेरिका अब बर्ड फ्लू और अन्य महामारी से जुड़ी जानकारी साझा करने में कटौती कर सकता है।
इससे नए वायरस के प्रसार को रोकने में बड़ी बाधा आ सकती है।
WHO को महामारी की रोकथाम और निगरानी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
🔹 अमेरिका में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले
अमेरिका में बर्ड फ्लू के नए मामले:
हाल ही में नेवादा राज्य में डेयरी मवेशियों में बर्ड फ्लू का नया प्रकार मिला है।
वैज्ञानिकों को डर है कि यह वायरस तेजी से फैल सकता है और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए नया संकट बन सकता है।
WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठनों को इससे निपटने के लिए समय पर जानकारी साझा करने की आवश्यकता है।
अमेरिका के WHO से अलग होने का वैश्विक प्रभाव
WHO से अमेरिका के बाहर होने से हो सकने वाले प्रभाव:
नए वायरस की निगरानी कमजोर होगी, जिससे वैश्विक स्तर पर महामारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में बाधा आएगी, क्योंकि अमेरिका WHO को सबसे बड़ा वित्तीय सहयोग देने वाला देश था।
वायरस की रोकथाम और टीकाकरण अभियान में देरी हो सकती है, जिससे संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
यदि अमेरिका महामारी से जुड़ी जानकारी साझा नहीं करता, तो अन्य देश समय पर सावधानी नहीं बरत पाएंगे।
WHO को अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा, जिससे महामारी नियंत्रण में देरी न हो।
अमेरिका का WHO से बाहर होना वैश्विक स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन गया है।
बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों की जानकारी साझा करने में आई बाधा से महामारी का जोखिम बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अमेरिका को WHO से सहयोग बनाए रखना चाहिए, ताकि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।