अंबानी और अडानी: टॉप 24 सुपर बिलियनेयर्स की सूची में
भूमिका
भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपति, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में प्रमुख स्थान रखते हैं। इन दोनों बिजनेस टायकून ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। हाल ही में आई सुपर बिलियनेयर्स की सूची में अंबानी और अडानी दोनों ही दुनिया के शीर्ष 24 अमीरों में शामिल हुए हैं। यह लेख उनके व्यापारिक साम्राज्य, उनकी संपत्ति, और उनकी वैश्विक स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेगा।
मुकेश अंबानी: भारत के सबसे अमीर व्यक्ति
परिचय
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उनकी कंपनी तेल और गैस, दूरसंचार, खुदरा, पेट्रोकेमिकल, और डिजिटल सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में कार्यरत है। उनकी नेतृत्व क्षमता ने रिलायंस को भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी बना दिया है।
संपत्ति और रैंकिंग
मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 110 अरब डॉलर से अधिक आंकी गई है, जिससे वे दुनिया के शीर्ष 15 सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हो गए हैं। फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, वे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का विस्तार
- रिलायंस जियो: भारत में डिजिटल क्रांति लाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 4G और 5G तकनीक के साथ जियो ने भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया।
- रिलायंस रिटेल: भारत का सबसे बड़ा खुदरा व्यापार, जो कई ब्रांड्स और सुपरमार्केट्स को संचालित करता है।
- पेट्रोकेमिकल और ऊर्जा: रिलायंस का पारंपरिक व्यापार क्षेत्र, जिसमें कंपनी का वैश्विक प्रभाव है।
गौतम अडानी: भारतीय बुनियादी ढांचे का चेहरा
परिचय
गौतम अडानी, अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वे मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, परिवहन, और प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा और हरित ऊर्जा परियोजनाओं में भी भारी निवेश किया है।
संपत्ति और रैंकिंग
गौतम अडानी की कुल संपत्ति 100 अरब डॉलर के करीब है। हालांकि, 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के कारण उनकी संपत्ति में भारी उतार-चढ़ाव आया, लेकिन वे फिर से मजबूत स्थिति में आ गए हैं।
अडानी समूह का विस्तार
- अडानी पोर्ट्स: भारत के सबसे बड़े और सबसे व्यस्त पोर्ट्स का संचालन करता है।
- अडानी पावर: भारत में ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है।
- अडानी ग्रीन एनर्जी: हरित ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक।
- अडानी एंटरप्राइज़ेज: विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने वाली प्रमुख कंपनी।
वैश्विक सुपर बिलियनेयर्स की सूची में अंबानी और अडानी
टॉप 24 सुपर बिलियनेयर्स
हर साल फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग जैसी संस्थाएं दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची प्रकाशित करती हैं। 2024 की सूची में शामिल शीर्ष 24 अमीर व्यक्तियों में अंबानी और अडानी दोनों शामिल हैं।
दुनिया के टॉप 24 अमीरों की सूची:
- बर्नार्ड अरनॉल्ट (एलवीएमएच) – 222 अरब डॉलर
- एलन मस्क (टेस्ला, स्पेसएक्स) – 187 अरब डॉलर
- जेफ बेजोस (अमेज़न) – 208 अरब डॉलर
- मार्क जुकरबर्ग (मेटा) – 168 अरब डॉलर
- लैरी पेज (गूगल) – 156 अरब डॉलर
- बिल गेट्स (माइक्रोसॉफ्ट) – 154 अरब डॉलर
- सर्गेई ब्रिन (गूगल) – 148 अरब डॉलर
- स्टीव बाल्मर (माइक्रोसॉफ्ट) – 145 अरब डॉलर
- वॉरेन बफेट (बर्कशायर हैथवे) – 138 अरब डॉलर
- लैरी एलिसन (ओरेकल) – 138 अरब डॉलर
- माइकल डेल (डेल टेक्नोलॉजीज) – 138 अरब डॉलर
- कार्लोस स्लिम (मेक्सिको के सबसे अमीर व्यक्ति) – 106 अरब डॉलर
- मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज) – 110 अरब डॉलर
- गौतम अडानी (अडानी समूह) – 100 अरब डॉलर
- बेटेनकोर्ट मेयर्स (लोरियल) – 99.9 अरब डॉलर 16-24. अन्य अरबपति जिनकी संपत्ति 90 अरब डॉलर से अधिक है।
अंबानी और अडानी की सफलता के कारक
- दूरदृष्टि और नवाचार: दोनों व्यापारियों ने हमेशा भविष्य की तकनीकों और जरूरतों को समझते हुए निवेश किया है।
- भारत में तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और औद्योगीकरण ने इनके व्यापार को लाभ पहुंचाया है।
- सही समय पर सही निर्णय: दोनों ने समय के अनुसार व्यापार में बदलाव और रणनीतियों को लागू किया।
भविष्य की योजनाएं
मुकेश अंबानी
- 5G और डिजिटल सेवाएं: भारत में डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो का विस्तार।
- नवीकरणीय ऊर्जा: रिलायंस ने 75,000 करोड़ रुपये का निवेश सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन में करने की योजना बनाई है।
गौतम अडानी
- हरित ऊर्जा और सस्टेनेबिलिटी: 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा कंपनी बनने का लक्ष्य।
- वैश्विक विस्तार: अडानी समूह अन्य देशों में भी अपने व्यापार का विस्तार कर रहा है।
निष्कर्ष
मुकेश अंबानी और गौतम अडानी भारत के दो प्रमुख उद्योगपति हैं जो वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी संपत्ति और व्यावसायिक सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारतीय व्यापार जगत में कितनी संभावनाएं हैं। आने वाले वर्षों में, ये दोनों उद्योगपति और अधिक ऊंचाइयों को छू सकते हैं और भारत की आर्थिक शक्ति को और मजबूत बना सकते हैं।