अदाणी डिफेंस और डीआरडीओ ने किया व्हीकल-माउंटेड काउंटर-ड्रोन सिस्टम का अनावरण
“भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर व्हीकल-माउंटेड काउंटर-ड्रोन सिस्टम का अनावरण किया है। यह लॉन्च ‘एयरो इंडिया 2025’ के दौरान किया गया, जिससे भारत की ड्रोन सुरक्षा क्षमताओं में एक नया अध्याय जुड़ गया है।“
ड्रोन टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के कारण एंटी-ड्रोन सिस्टम की जरूरत अब अनिवार्य हो गई है।
यह अत्याधुनिक प्रणाली उभरते हवाई खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करेगी।
सिस्टम में हाई-एनर्जी लेजर और एडवांस रडार तकनीक का उपयोग किया गया है।
🔹 क्यों जरूरी है यह काउंटर-ड्रोन सिस्टम?
आधुनिक युद्धों में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। दुश्मन देशों द्वारा जासूसी, हमलों और निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाता है। भारत की सीमाओं और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक उन्नत एंटी-ड्रोन प्रणाली की आवश्यकता थी, जिसे अदाणी डिफेंस और डीआरडीओ ने मिलकर विकसित किया है।
🔹 इस काउंटर-ड्रोन सिस्टम की खासियतें
✅ व्हीकल-माउंटेड सिस्टम: इसे एक 4×4 सैन्य वाहन पर स्थापित किया गया है, जिससे यह स्मार्ट और पोर्टेबल बनता है।
✅ लंबी दूरी की क्षमता: यह 10 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के ड्रोन को ट्रैक और निष्क्रिय कर सकता है।
✅ हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम: इसमें ड्रोन को मार गिराने के लिए हाई-एनर्जी लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
✅ एडवांस रडार और 7.62 एमएम गन: यह ड्रोन की स्वचालित पहचान, वर्गीकरण और नष्ट करने की क्षमता रखता है।
✅ रियल-टाइम मॉनिटरिंग: इसमें उन्नत सेंसर और सटीक सुरक्षा क्षमताएं शामिल हैं।
🔹 अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का बयान
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा कि यह प्रणाली भारत के रक्षा नवाचार इकोसिस्टम की शक्ति को दर्शाती है।
उन्होंने कहा,
“हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक ऑपरेशनल रेडी सॉल्यूशन में बदल दिया है। इससे हमारी सेनाओं की सुरक्षा क्षमताएं और मजबूत होंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि अदाणी डिफेंस भारत के सशस्त्र बलों के लिए सबसे उन्नत स्वदेशी रक्षा टेक्नोलॉजी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
🔹 डीआरडीओ का सहयोग और समर्थन
डीआरडीओ के महानिदेशक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली) डॉ. बी.के. दास ने इस प्रणाली को लॉन्च किया और कहा कि यह भारत की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
उन्होंने कहा,
“यह प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक तकनीकों से सशक्त करेगी और भविष्य में किसी भी हवाई हमले को रोकने में कारगर साबित होगी।”
🔹 भारत के लिए क्या होगा इसका फायदा?
सीमा सुरक्षा होगी और मजबूत – दुश्मन देशों से आने वाले ड्रोन खतरों का समय रहते पता लगाना और उन्हें निष्क्रिय करना आसान होगा।
आतंकवाद और घुसपैठ पर लगेगी रोक – सीमाओं और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए हो रही घुसपैठ और आतंकी हमलों को रोका जा सकेगा।
रक्षा बलों को मिलेगा आधुनिक हथियार – भारतीय सेना को विश्वस्तरीय तकनीक से लैस किया जाएगा, जिससे उनकी क्षमता बढ़ेगी।
स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा – आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह सिस्टम देश में ही निर्मित किया गया है, जिससे भारत की रक्षा इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।