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30 के बाद प्रेगनेंसी के लिए योगासन: मंडूकासन से बढ़ाएं कंसीव करने की संभावना

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“मंडूकासन: प्रेगनेंसी के लिए जरूरी शारीरिक और मानसिक स्थिति तैयार करें”

30 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी के लिए फर्स्‍ट टाइम कंसीव करना एक बड़ी सोच का विषय हो सकता है, लेकिन योग का सही अभ्यास इसे संभव बना सकता है। योगा एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि सही आसन और दिनचर्या के साथ कंसीव करने के मौके को बढ़ाया जा सकता है। एक बेहद असरदार और सरल आसन, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, वह है मंडूकासन (Frog Pose)।

मंडूकासन और कंसीव का कनेक्शन

30 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी के लिए फर्स्‍ट टाइम कंसीव करना एक बड़ी सोच का विषय हो सकता है, लेकिन योग का सही अभ्यास इसे संभव बना सकता है। योगा एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि सही आसन और दिनचर्या के साथ कंसीव करने के मौके को बढ़ाया जा सकता है। एक बेहद असरदार और सरल आसन, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, वह है मंडूकासन (Frog Pose)।

मंडूकासन और कंसीव का कनेक्शन

मंडूकासन को कंसीव करने में सहायक माना जाता है क्योंकि यह आसन महिला शरीर के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूत करता है और हॉर्मोनल बैलेंस को बेहतर करता है। यह आसन गर्भधारण के लिए जरूरी शारीरिक और मानसिक स्थिति तैयार करने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से ओवरी और यूट्रस की सेहत में सुधार होता है, जो कंसीव करने की प्रक्रिया को आसान बना सकता है।

मंडूकासन की सही विधि

  1. आराम से बैठें: सबसे पहले ध्यान केंद्रित करते हुए जमीन पर चटाई पर बैठें। पैरों को फैलाकर दोनों घुटनों को बाहर की ओर मोड़ें और तलवों को आपस में जोड़ें।
  2. हाथों का प्रयोग: अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और पीठ को सीधा रखें। ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ सीधी और गर्दन को लंबा रखें।
  3. गहरी सांस लें: अब गहरी सांस लें और अपने पेट को अंदर की तरफ खींचे। धीरे-धीरे कूल्हों को नीचे की तरफ ले जाते हुए बैठने की कोशिश करें।
  4. शरीर को ढीला छोड़ें: इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
  5. हर दिन अभ्यास करें: इस आसन को हर दिन 5-10 मिनट तक नियमित रूप से करें।

मंडूकासन के फायदे

  1. हार्मोनल बैलेंस: यह आसन महिलाओं के हार्मोनल सिस्टम को संतुलित करता है, जो गर्भधारण के लिए आवश्यक होता है।
  2. रिप्रोडक्टिव सिस्टम की सेहत: यूट्रस और ओवरी में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
  3. तनाव और चिंता कम करें: योग मानसिक शांति और शारीरिक आराम देता है, जिससे तनाव कम होता है और गर्भधारण की प्रक्रिया आसान हो सकती है।
  4. पेट और पीठ की मसल्स को मजबूत करें: यह आसन पेट और पीठ के निचले हिस्से की मसल्स को मजबूत करता है, जो गर्भधारण के लिए जरूरी है।

योग के अलावा क्या करें?

मंडूकासन के अलावा कुछ और योगासन भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

पवनमुक्तासन: यह पेट के अंगों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है, जिससे गर्भधारण में सहायता मिल सकती है।

उत्तानासन: यह शरीर में लचीलापन लाता है और रक्त संचार को बढ़ाता है।

भुजंगासन: यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और ओवरी को उत्तेजित करता है।