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सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं की धीमी प्रक्रिया पर जताई चिंता

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सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर राज्य सरकारों के प्रति नाराजगी जताई है। अदालत ने विशेष रूप से सीसीटीवी कैमरों के इंस्टॉलेशन, टॉयलेट्स के निर्माण और अलग रेस्टिंग रूम की व्यवस्था में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की।

मामले का सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक सुविधाओं का न होना छात्रों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए गंभीर समस्या है। इन सुविधाओं की कमी के कारण विद्यार्थियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।

सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा

कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया में हो रही देरी अस्वीकार्य है। सीसीटीवी सिस्टम न केवल छात्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह किसी भी अप्रिय घटना की रिकॉर्डिंग और निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता और आराम की सुविधाएं

अदालत ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्वच्छता की स्थिति को लेकर भी चिंता व्यक्त की। टॉयलेट्स की कमी और उनकी खराब स्थिति ने छात्रों को असुविधा में डाल रखा है। इसके अलावा, अलग रेस्टिंग रूम का निर्माण न होना भी विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी समस्या है, जो पढ़ाई और आराम के लिए आवश्यक है।

राज्य सरकारों को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और आवश्यक सुविधाओं का जल्द से जल्द निर्माण करें। अदालत ने कहा कि इन बुनियादी सुविधाओं का अभाव छात्रों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।