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शिमला के स्वामी रामकृष्ण आश्रम में तनावपूर्ण घटना

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“ब्रह्मो समाज और रामकृष्ण मिशन के बीच विवाद गहराया”

आरोप है कि एबीवीपी और बीजेपी समर्थकों ने वहां जमा होकर पथराव किया है। बता दें कि प्रशासन और संचालन पर नियंत्रण पाने के प्रयासों को लेकर आरोप सामने आए हैं, जिन्हें आश्रम प्रबंधन ने खारिज किया है। यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने घटना की पुष्टि करते हुए इस तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। एसपी ने कहा कि जब प्रार्थना और ध्यान के बाद एक समूह ने प्रदर्शन किया और यह बाद में हिंसक हो गया तो कुछ लोग घायल हो गए। एबीवीपी और बीजेपी समर्थक वहां इकट्ठा हो गए थे। अचानक एबीवीपी और बीजेपी समर्थकों द्वारा पथराव किया गया। 

एसपी ने कहा कि हमने इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और जांच चल रही है। हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। कानून और व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है। हमारी टीम, जो नवदीप के नेतृत्व में थी, ने आधी रात को मौके पर पहुंचकर शांति बनाए रखी और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की। हमनें आधी रात को मामले को सुलझा लिया था, लेकिन अचानक पथराव कर दिया गया।

स्वामी रामकृष्ण आश्रम के सचिव तनमहिमानंद ने कहा, ‘हमें धार्मिक काम करने के लिए मंदिर दिया गया। हमने एसपी को भी 10 दिन पहले बताया था कि यहां पर कुछ ऐसी घटना हो सकती है। हम कोर्ट भी गए थे लेकिन हमें समय नहीं मिल सका। उत्पात मचाने वाले लोग भक्त बनकर आए और उत्पात मचाया जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हम चाहते हैं कि हमारा फैसला कोर्ट करे।

मिली जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात एक बजे के आसपास ब्रह्मों समाज और रामकृष्ण मिशन के बीच जम कर मारपीट, तोड़फोड़ और पथराव हुआ और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई नजर आई। पथराव में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने दो FIR दर्ज कर ली है और जांच में लग गई है।

राम कृष्ण मिशन के लोगों का पक्ष है कि मंदिर का माली, कांग्रेस का एक नेता और कुछ अन्य लोग मंदिर पर कब्जा करना चाह रहे हैं जबकि ब्रह्मो समाज ने मंदिर 2014 में धार्मिक कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन को दे रखा है और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है।

लेकिन कांग्रेस सरकार के संरक्षण में देर रात मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश की गई और मंदिर में पथराव किया गया जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। कांग्रेस का एक नेता भी पथराव में शामिल था और पुलिस मूक दर्शक बन कर सब देखती रही।

दरअसल देर रात ब्रह्मों समाज के लोग पूजा और ध्यान करने पहुचे थे वही राम कृष्ण मिशन के लोग भी वहां मौजूद थे। पहले दोनों तरफ से नारेबाजी हुई उंसके बाद आंदोलन पर उतर आए और बाद में एक दूसरे पर पथराव हुआ।

आंदोलनकारियों ने आश्रम के प्रबंधकों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हुआ। ब्रह्मे समाज के दूसरे गुट के ट्रस्टी एम आर संगरोली ने कहा कि प्रॉपर्टी ब्रह्मो समाज की है और रामकृष्ण मिशन के लोगों ने इस पर कब्जा किया है।

पुलिस ने देर रात विवाद को शांत किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और मामले की जांच में जुट गई है। एसपी शिमला सजीव गांधी ने बताया कि पुलिस ने मामले में दो FIR दर्ज कर ली है और पथराव करने वाले कुछ लोगों की पहचान भी कर ली है। मंदिर ने इस तरह के पथराव को बर्दास्त नहीं किया जा सकता है।