विश्वविद्यालय और राज्य के वैज्ञानिकों का योगदान।
“गुलदाउदी को व्यावसायिक फसल के रूप में बढ़ावा”
इस आयोजन से विश्वविद्यालय विभिन्न रंगों और महक से जीवंत हो उठा। फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग द्वारा ऑल इंडिया कोर्डिनटेड रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने फूल प्रेमियों, किसानों, छात्रों सहित सभी को आकर्षित किया।
और इस फूल की सुंदरता और व्यावसायिक क्षमता का जश्न मनाया। प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने किया, जो इस अवसर पर मुख्यातिथि रहे।
इस अवसर पर प्रोफेसर चंदेल सहित विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने आयोजन में प्रदर्शित गुलदाउदी की विविधता की प्रशंसा की। राज्य भर से फूल उत्पादकों ने भी इस प्रदर्शनी में भाग लिया और अपनी प्रविष्टियां प्रदर्शित कर इस कार्यक्रम की विविधता में योगदान दिया।
यह आयोजन सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि राज्य में गुलदाउदी की खेती के अवसरों को उजागर करने का एक मंच भी था। प्रोफेसर चंदेल ने किसानों के लिए एक लाभदायक व्यावसायिक फसल के रूप में गुलदाउदी को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए फ्लोरीकल्चर विभाग की सराहना की।
उन्होंने विभाग के वैज्ञानिकों को नई, आशाजनक फूलों की किस्मों को विकसित करने पर काम जारी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि ये चयन किसानों तक पहुंचाएं ताकि उनकी आय बढ़ाने में मदद मिल सके।
गुलदाउदी प्रदर्शनी के अलावा, कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा तैयार की गई रचनात्मक परिदृश्य व्यवस्था भी प्रदर्शित की गई, जो उनकी कलात्मक प्रतिभा और डिजाइन कौशल को प्रदर्शित करती हैं।