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भारत-जर्मनी सीईओ फोरम का परिचय

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“मेक इन इंडिया के तहत औद्योगिक विकास”

भारत-जर्मनी सीईओ फोरम का मुख्य उद्देश्य

भारत-जर्मनी सीईओ फोरम का आयोजन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और गहरा बनाने के लिए किया गया।

  • उद्योग और निवेश: दोनों देशों के उद्योग जगत ने निवेश और व्यापार के नए अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
  • साझा विजन: भारत-जर्मनी ने सस्टेनेबल विकासतकनीकी सहयोग, और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

बैठक में दोनों नेताओं की भूमिका

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: उन्होंने भारत में व्यापार के लिए बेहतर माहौल का जिक्र किया और विदेशी निवेशकों को भारत में आने का निमंत्रण दिया।
  2. चांसलर ओलाफ शोल्ज़: उन्होंने जर्मनी की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत के तेजी से बढ़ते बाजार को साझेदारी का सुनहरा अवसर बताया।

पीएम मोदी ने कहा:
“भारत और जर्मनी के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी दोनों देशों के विकास के लिए जरूरी है। यह फोरम हमारे व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई देगा।”

समूह तस्वीर का महत्व

भारत-जर्मनी सीईओ फोरम के दौरान ली गई समूह तस्वीर में दोनों देशों के प्रमुख नेता और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल थे। यह तस्वीर भारत-जर्मनी की बढ़ती दोस्ती और व्यापारिक सहयोग का प्रतीक मानी जा रही है।

मुख्य चर्चाएं और समझौते

  1. ग्रीन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन: सस्टेनेबल ऊर्जा परियोजनाओं में संयुक्त निवेश।
  2. तकनीकी क्षेत्र में सहयोग: जर्मनी की तकनीक और भारत की युवा शक्ति को एकजुट करना।
  3. विनिर्माण और औद्योगिक विकास: मेक इन इंडिया अभियान के तहत जर्मनी के उद्योगों का भारत में निवेश।

भारत-जर्मनी के आर्थिक संबंध

भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। जर्मनी भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और कई क्षेत्रों में तकनीकी और औद्योगिक सहयोग प्रदान करता है।