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किडनैपिंग के मामले में पुलिस की बड़ी चूक: झूठा आरोप लगाकर फिरौती मांग रहा था परिवार

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“दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए: किडनैपिंग का मामला पलटकर निकला झूठा”

एक बेहद चौंकाने वाली घटना में पुलिस को किडनैपिंग के आरोपियों की तलाश में गली-गली भटकते हुए पाया गया। पुलिस द्वारा आरोपियों की फोटो जारी करने के बाद पूरे इलाके में हलचल मच गई, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो पुलिस के होश उड़ गए और पूरा केस पलट गया।

कैसे शुरू हुआ मामला?

यह मामला तब सामने आया जब दिल्ली पुलिस को एक परिवार ने किडनैपिंग की शिकायत दी। परिवार का आरोप था कि उनके संगठित गिरोह के सदस्य ने उनके बेटे को अगवा कर लिया है और उसे वापस लाने के लिए भारी फिरौती की मांग की जा रही है। पुलिस ने जांच शुरू की और फिर से गली-गली किडनैपर्स के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की।

किडनैपर्स की तलाश में भटकती पुलिस

पुलिस ने पूरे इलाके में किडनैपर्स की तस्वीरें चिपकाई और गली-गली घूमकर संदिग्धों से पूछताछ की। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी इन तस्वीरों को वायरल किया गया ताकि लोगों से मदद मिल सके। कई दिन तक पुलिस मामले की गुत्थी सुलझाने की कोशिश करती रही, लेकिन इस दौरान कुछ भी ठोस जानकारी नहीं मिल पाई।

सच्चाई का खुलासा: एक झटके में पलटा पूरा केस

हालांकि, जब पुलिस ने और अधिक गहरी जांच की, तो यह सामने आया कि परिवार ने किडनैपिंग का झूठा आरोप लगाया था। किडनैपिंग के आरोपियों की तस्वीरें दरअसल उस परिवार के बेटे की ही थीं, जो खुद कहीं बाहर छुट्टियां मनाने गया था। उसने अपने परिवार से पैसे लेने के लिए ये नाटक किया था।

पुलिस को यह पता चलते ही पूरा केस पलट गया, और किडनैपिंग का मामला झूठा पाया गया। पुलिस ने तुरंत परिवार पर कार्रवाई करने की योजना बनाई और साथ ही मामले में फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए कानूनी कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

पुलिस की जांच में चूक

यह मामला पुलिस की जांच प्रक्रिया में एक बड़ी चूक को उजागर करता है। पुलिस ने इतनी जल्दी मामले को गंभीरता से लिया, जबकि थोड़ी और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ गई थी। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या पुलिस को शुरूआत में कुछ संदिग्ध बातें नजर नहीं आईं, जो इसे सही तरीके से जांचने से बचाया जा सकता था।