कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और धार्मिक आस्था
“कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी और अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़”
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का विशेष महत्व माना जाता है, और इस दिन को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेहद पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस अवसर पर गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसी आस्था लोगों के मन में गहराई से बसी है।
सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। गंगा के ठंडे पानी में डुबकी लगाकर श्रद्धालु भगवान से आशीर्वाद मांगते देखे गए। अस्सी घाट पर गंगा आरती का भी आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
आरती के दौरान दीप जलाकर गंगा को अर्पित किए गए और मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की। घाट पर सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त रखी गई थी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
वाराणसी में इस पर्व का विशेष आकर्षण है और यहां के स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूरदराज से आए श्रद्धालु भी इसमें भाग लेते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां स्नान करने से उन्हें शांति और आत्मिक संतुष्टि का अनुभव होता है, और वे हर साल इस पवित्र दिन का इंतजार करते हैं।
अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा मेले के अवसर पर कड़ी सुरक्षा के बीच लाखों श्रद्धालू सरयू स्नान करके धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण कर रहे हैं। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद का पहले कार्तिक पूर्णिमा मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है।
पूर्णिमा स्नान के साथ ही माह भर से ठहरे कल्पवासियों का वापस जाना भी शुरू हो गया है। आज अयोध्या के कार्तिक पूर्णिमा मेले के मुख्य स्नान में लाखों श्रद्धालु पावन सरयू में डुबकी लगाकर डेढ़ किलोमीटर लम्बे सरयू तट पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण कर रहे हैं।
अनुष्ठान पूर्ण करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नागेश्वर नाथ, कनक भवन ,हनुमान गढी,राम जन्म भूमि और श्री राम बल्लभा कुञ्ज सहित प्रमुख मंदिरों की ओर लगातार बढ़ रहे हैं ,जहाँ भीड़ के दबाव के चलते दर्शनार्थियों को जत्थे-जत्थे में छोडा जा रहा है।
अयोध्या में हर ओर धार्मिक जयघोष,हवन-पूजन और प्रवचन के कार्यक्रम से समूचा वातावरण धार्मिक बना हुआ है । इस बीच कल्पवासी भी कल्पवास और उपवास का उद्यापन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजन-अर्चन से कर रहे हैं ।
आज परम्परागत ढंग से सभी मंदिरों में देव दीपावली भी मनाई जायेगी और दिन ढलते ही सरयू मां की फूल बंगले की झांकी सजाकर महा आरती की जायेगी। प्रशासन में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं और यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए रुट डायवर्शन किया गया है और विशेष बात यह है कि मेला क्षेत्र पर ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है।