राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए
“राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2023 प्रदान किये। यह पुरस्कार 9 श्रेणियों में 38 विजेताओं को दिए गये। इनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, ग्राम पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समुदाय शामिल हैं”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2023 प्रदान किये। यह
पुरस्कार 9 श्रेणियों में 38 विजेताओं को दिए गये। इनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, ग्राम पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समुदाय शामिल हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि सरकार ने जलजीवन मिशन के तहत देश के 78 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल के कनेक्शन दिए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2019 में जब इस मिशन की शुरूआत हुई थी तब सिर्फ 17 प्रतिशत ग्रामीण घरों में स्वच्छ जल की उपलब्धता थी। राष्ट्रपति ने बताया कि जलजीवन मिशन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देश की भूमिगत जल में कमी होने पर चिंता व्यक्त की।
हमारे संवाददाता ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार ओडिशा को, द्वितीय पुरस्कार उत्तर प्रदेश को और तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से गुजरात और पुद्दुचेरी को दिया गया।
प्रत्येक पुरस्कार विजेताओं को विशेष श्रेणियों में प्रशस्ति पत्र, एक ट्रॉफी तथा नकद धनराशि दी गई। राष्ट्रीय जल पुरस्कार के चयन में जल समृद्ध भारत संबंधी सरकार के लक्ष्य को साकार करने में देश के संगठनों और व्यक्तियों द्वारा किए गये प्रयासों तथा अच्छे कार्य पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
आकाशवाणी से बातचीत में ओडिशा जल संसाधन के अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग ने कहा कि राज्य में कई जल निकाय बनाये गये हैं और जल संचयन ढ़ांचा स्थापित किये गये हैं।
उत्तर प्रदेश के पेय जल अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 84 प्रतिशत ग्रामीण घरों को पेय जल की सुविधा दी गई है। सर्वश्रेष्ठ स्कूल श्रेणी में राजस्थान के सीकर में सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय को प्रथम पुरस्कार दिया गया। आकाशवाणी से बातचीत में स्कूल के प्रधानाचार्य हरिराम कुल्हारी ने कहा कि पिछले एक वर्ष में जल संचयन को लेकर बहुत से कार्य किये गये हैं।